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डाइट और फिटनेस

क्या आप जानते हैं किस बीमारी में कौन सा जूस पीना चाहिए?

- अलग-अलग बीमारीयों के अनुसार पीएं अलग-अलग जूस

Updated at: 2022-12-14
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आयुर्वेदिक बाबा।

जब कभी आप बीमार होते हैं तो सामान्य तौर पर डॉ. आपसे जूस का सेवन करने के लिए कहते हैं। यह एक सामान्य धारणा भी है कि जब शरीर कमजोर या बीमार हो जाता है तो हमें जूस का सेवन करना चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कौन सी बीमारी कौन सा जूस पीना अधिक लाभदायक होता है। शायद नहीं। वैसे तो मौसम के अनुसार मौसमी फलों या जूस का सेवन अवश्य करना चाहिए, लेकिन फिर भी आईए जानते हैं विभिन्न बीमारीयों में कौन सा जूस फायदेमंद होता है।


1. भूख लगाने के हेतु -

सुबह खाली पेट नींबू का पानी पियें। खाने से पहले अदरक को कद्दूकस करके सैंधा नमक के साथ लें।

2. रक्तशुद्धि हेतु -
नींबू, गाजर, गोभी, चुकन्दर, पालक, सेव, तुलसी, नीम और बेल के पत्तों का रस प्रयोग करें।

3. दमा -
लहसुन, अदरक, तुलसी, चुकन्दर, गोभी, गाजर, मीठी द्राक्ष का रस, भाजी का सूप अथवा मूंग का सूप और बकरी का शुद्ध दूध लाभदायक है। घी, तेल, मक्खन वर्जित है।

4 उच्च रक्तचाप -
गाजर, अंगूर, मोसमी और ज्वारों का रस। मानसिक तथा शारीरिक आराम आवश्यक है।

5. निम्न रक्तचाप -
मीठे फलों का रस लें, किन्तु खट्टे फलों का उपयोग ना करें। अंगूर और मौसमी का रस अथवा दूध भी लाभदायक है।

6. पीलिया -
अंगूर, सेव, रसभरी, मोसम्मी, अंगूर की अनुपलब्धि पर लाल मुनक्के और किसमिस का पानी। गन्ने को चूसकर उसका रस पियें। केले में 1.5 ग्राम चूना लगाकर कुछ समय रखकर फिर खायें।

7. मुहांसों के दाग -
गाजर, तरबूज, प्याज, तुलसी, घृतकुमारी और पालक का रस।

8. संधिवात -
लहसुन, अदरक, गाजर, पालक, ककड़ी, गोभी, हरा धनिया, नारियल का पानी तथा सेव और गेहूं के ज्वारे।

9. एसीडिटी -
गाजर, पालक, ककड़ी, तुलसी का रस, फलों का रस अधिक लें। अंगूर मौसमी और दूध भी लाभदायक है।

10. कैंसर -
गेहूं के ज्वारे, गाजर और अंगूर का रस।

11. सुन्दर बनने के लिए -
सुबह-दोपहर नारियल का पानी या बबूल का रस लें। नारियल के पानी से चेहरा साफ करें।

12. फोड़े-फुन्सियाँ -
गाजर, पालक, ककड़ी, गोभी और नारियल का रस।

13. कोलाइटिस -
गाजर, पालक और अन्नानास का रस। 70 प्रतिशत गाजर के रस के साथ अन्य रस समप्राण। चुकन्दर, नारियल, ककड़ी, गोभी के रस का मिश्रण भी उपयोगी है।

14. अल्सर -
अंगूर, गाजर, गोभी का रस, केवल दुग्धाहार पर रहना आवश्यक है, खूब गर्म दूध में 2 चम्मच देशी गाय का घी डालकर मिलाकर करके पिएं।

15. सर्दी-कफ -
मूली, अदरक, लहसुन, तुलसी, गाजर का रस, मूंग अथवा भाजी का सूप।

16. ब्रोन्काइटिस -
पपीता, गाजर, अदरक, तुलसी, अनन्नास का रस, मूंग का सूप। स्टार्च वाली खुराक वर्जित।

17. दाँत निकलते बच्चे के लिए -
अन्नानास का रस थोड़ा नींबू डालकर रोज चार औंस (100-125 ग्राम)।

18. रक्तवृद्धि के लिए -
मौसमी, अंगूर, पालक, टमाटर, चुकन्दर, सेव, रसभरी का रस रात को। रात को भिगोया हुआ खजूर का पानी सुबह में। इलायची के साथ केले भी उपयोगी हैं।

19. स्त्रियों को मासिक धर्म कष्ट -
अंगूर, अन्नानास तथा रसभरी का रस।

20. आँखों के तेज के लिए -
गाजर का रस तथा हरे धनिया का रस श्रेष्ठ है।

21. अनिद्रा -
अंगूर और सेब का रस। पीपरामूल शहद के साथ।

22. वजन बढ़ाने के लिए -
पालक, गाजर, चुकन्दर, नारियल और गोभी के रस का मिश्रण, दूध, दही, सूखा मेवा, अंगूर और सेवों का रस।

23. डायबिटीज -
गोभी, गाजर, नारियल, करेला और पालक का रस।

24. पथरी -
पत्तों वाली सब्जी, पालक, टमाटर ना लें। ककड़ी का रस श्रेष्ठ है। सेव अथवा गाजर या कद्दू का रस भी सहायक है। जौ एवं सहजने का सूप भी लाभदायक है।

25. सिरदर्द -
ककड़ी, चुकन्दर, गाजर, गोभी और नारियल के रस का मिश्रण।

26. किडनी का दर्द -
गाजर, पालक, ककड़ी, अदरक और नारियल का रस।

27. फ्लू -
अदरक, तुलसी, गाजर का रस।

28. वजन घटाने के लिए -
अन्नानास, गोभी, तरबूज,लौकी और नींबू का रस।

29. पायरिया -
गेहूं के ज्वारे, गाजर, नारियल, ककड़ी, पालक और सोया की भाजी का रस। कच्चा अधिक खायें।

30. बवासीर -
मूली का रस, अदरक का रस घी डालकर, नागर मोथा, नारियल पानी।