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डाइट और फिटनेस

बीड़ी-सिगरेट पी रहे हैं तो किडनी और हार्ट का करवा लें चैक अप

हार्ट व किडनी फेल्योर से बचना है तो अपनाएं ये उपाय

Updated at: 2022-12-14
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आयुर्वेदिक बाबा।

क्‍या आपको दिल और किडनी के संबंध के बारे में पता है। जिन लोगों की किडनी फेल हो जाती है, उनमें दिल की बीमारी होने की आशंका लगभग तीन गुना ज्‍यादा होती है। अध्‍ययन बताते हैं कि किडनी से पीड़ि‍त लोग, डायबिटीज से पीड़ि‍त लोगों की तरह दिल की बीमारी के जोखिम पर होते हैं। क्रोनिक किडनी डिजीज से पीडि़त ज्यादातर लोगों को दिल की बीमारियों का खतरा रहता है। किडनी की बीमारी से पीडि़त ज्यादातर लोगों की मौत भी दिल की बीमारियों से ही होती है। इसलिए दोनों को स्‍वस्‍थ रखना बहुत जरूरी होता है। इन उपायों को अपनाकर आप किडनी और दिल को स्‍वस्‍थ रख सकते हैं।

धूम्रपान से बचें -

दिल और किडनी दोनों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए धूम्रपान छोड़ने से बेहतर कोई उपाय हो ही नहीं सकता। धूम्रपान दिल और किडनी दोनों को रोगग्रस्‍त करने का कारण बन सकता है, जो उच्च रक्तचाप के लिए एक जोखिम कारक है। इसके कराण ऐथेरोस्कलेरोसिस रोग भी होता है। जिससे रक्त नलिकाओं में रक्त का बहाव धीमा पड़ जाता है और किडनी में रक्त कम जाने से उसकी कार्यक्षमता घट जाती है। इसलिए धूम्रपान और तंबाकू का सेवन ना करें।

ब्‍लड प्रेशर को कंट्रोल करें -

हाई ब्‍लड प्रेशर से दिल पर तनाव बढ़ने से, दिल का आकार सामान्‍य से बड़ा और मोटा हो जाता है। इसके कारण हार्ट फेल्यिर की समस्‍या हो सकती है। साथ ही हाई बीपी के कारण रक्‍त नालिकाओं में नुकसान पहुंचाने से किडनी के विफल होने की समस्‍या होने लगती है। हार्ट फेल्यिर की अवस्‍था में किडनी ट्रासप्‍लॉट और डायलिसिस मुश्किल हो जाता है। इसलिए दिल और किडनी को स्‍वस्‍थ रखने के लिए ब्‍लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें।

सही आहार लें -

कहते है न कि सही खानपान से बीपी की समस्या पर काबू पाया जा सकता है। और बीपी की समस्‍या पर काबू पाकर आप दिल और किडनी दोनों को स्‍वस्‍थ रख सकते है। इसके लिए डाक्‍टर डैश डाइट की सलाह देते हैं। डैश डाइट नमक के कम सेवन और सब्जियों और लो फैट डेयरी प्रोडक्‍ट के सेवन को बढ़ावा देती है। इसमें शरीर के लिए जरूरी कैलोरी के लिए साबुत अंकुरित अनाज, सब्जियां, ताजा फल, छिलके वाली दालें, बींस, मूंगफली, लो फैट डेयरी उत्पाद शामिल होते हैं।

वजन नियंत्रित रखें -

दिल और किडनी को स्‍वस्‍थ रखने के लिए वजन को नियंत्रित करना भी बहुत जरूरी होता है। बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) से अपने वजन का आकलन करें। बॉडी मास इंडेक्स कमर के घेरे और नितंब का अनुपात आदि फॉर्मूलों के आधार पर आप मोटे या ओवरवेट हैं या नहीं, तय किया जाता है। किसी भी वयस्क के लिए बीएमआई अगर 18.5 से 25 के बीच हो तो ठीक समझी जाती है। हल्का सा वजन कम करना भी काफी फायदेमंद हो सकता है।


योग -

योग और ध्यान से भी दिल के रोगों को दूर भगाया जा सकता है। रोजाना 15 मिनट तक ध्यान और हल्का योग करें। ध्यान और योग से तनाव से मुक्ति मिलेगी और यह ब्लड प्रेशर को कम करेगा। इसकी वजह से आप दिन भर तरोताजा रहेंगे और यह दिल और किडनी रोगों को नियंत्रित करने में कारगर तरीका साबित होता है। साथ ही योग आपकी किडनी को स्वस्थ और निरोग बनाता है। किडनी से जुड़े रोगों को दूर करने के लिए रोजाना योग की आदत डालें।

नियमित जांच करायें -

किडनी और दिल को स्‍वस्‍थ रखने के लिए इनमें से किसी भी एक समस्‍या से ग्रस्‍त होने पर आपको दूसरे की जांच अवश्‍य करवानी चाहिए। रोगों के निदान के लिए सबसे पहले रक्त यूरिया नाइट्रोजन तथा किरेटिनाइन का रक्त परीक्षण करवाना चाहिए। साथ ही यूरीन जांच भी करा लेना चाहिए क्योंकि इससे यह पता चलता है कि किडनी की कार्यशीलता और कर्यक्षमता कैसी है। साथ ही दिल की हिफाजत करने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच में लिपिड प्रोफाइल या ब्‍लड में फैट की मात्रा (एचडीएल और एलडीएल) को शामिल करना चाहिए।

शुगर पर रखें नजर -

अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं तो शुगर को नियंत्रण में रखें, क्‍योंकि इससे आपके किडनी और दिल पर असर पड़ने लगता है। आपका फास्टिंग ब्लड शुगर 100 एमजी/ डीएल से नीचे होना चाहिए और खाने के दो घंटे बाद उसे 140 एमजी/ डीएल से नीचे होना चाहिए। एक्‍सरसाइज, वजन में कमी, भोजन में अधिक फाइबर तथा मीठे भोज्य पदार्थों से बचते हुए डायबिटीज को खतरनाक न बनने दें। अगर जरूरत पड़े तो हल्की दवाओं का सेवन भी करना चाहिए।